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नियोकोव (NeoCov) नाम के वायरस ने दुनिया में दी दस्तक, साउथ अफ्रीका में मिला कोरोना से भी खतरनाक वायरस।
आज आपको एक ऐसे वायरस की बारे में बताने वाले है जिसकी मारक क्षमता 30 फीसदी से भी ज्यादा है। यदि यह तीन लोगों के संक्रमित करता है तो एक की जान जाना तय हैं आप इसी बात से इस खतरनाक वायरस का अंदाजा लगा सकते है।
आपको बता दे कि इस वायरस की खोज एक बार फिर के वुहान शहर के वैज्ञानिकों ने की है। आपको मामूल ही होगा वुहान शहर में सबसे पहले कोरोना वायरस की शुरूआत हुई थी, और इस बात की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी। वुहान के वैज्ञानिकों ने पाया कि दक्षिण अफ्रीका में यह वायरस मिला है। अब इस बात पर चर्चाए शुरू हो गयी है कि पेन्डेमिक एक एण्डेमिक बीमारी में बदलेगा या फिर हमें एक ऐसी बीमारी के दंस से जूझना पडेगा जो दुनिया में हाहाकार मचा सकता हैं।
क्या है आखिर नियोकेव (NeoCov) वायरस
कोरोना से भी खतरनाक वायरस नियोकोव (NeoCov) ने दुनिया में दस्तक दे दी है। वुहान के वैज्ञानिको के अनुसार यह नया कोरोनावायरस साउथ अफ्रीका में मिला है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि इससे संक्रमित तीन में से एक संक्रमित की मौत तय है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि इस वायरस की मारक क्षमता या वायरूलेंस 33 फीसदी से भी अधिक है। रूसी न्यूज एंजेसी स्पूतनिक के हवाले से यह वायरस अन्य कोरोना वायरस के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और मृत्यु दर जयादा है।
यह भी कहा जा रहा है कि NeoCov वायरस नया नही है यह साल 2012 और 2015 में पश्चिम एशिया में इसका प्रकोप देखा गया था। लेकिन अभी खतरनाक बात यह है कि दक्षिण अफ्रीका में वुहान के वैज्ञानिको द्वारा यह खोजा गया। इस बात से चिन्ता का सबब और बढ गया है क्योकि इसका संक्रमण दर ज्यादा है और मृत्यु दर भी ज्यादा है।
क्यों ज्यादा खतरनाक है यह वायरस:
यह वायरस SARC CoV-2 (सार्स कोरोना-2) वायरस की तरह है, और उसी का नया प्रारूप है। नियोकोव (NeoCov) वायरस चमगादड और पशुओं में पाया गया है। लेकिन चिन्ता की बात यह है कि इसमें एक भी म्यूटेशन होता है तो जाहिर तौर पर यह इंसान के सैल्स को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। इसलिए यह कहा जा रहा है कि NeoCov (नियोकोव) और PDF -2180 CoV (पीडीएफ -2180 - कोव) इसांनो को संक्रमित कर सकता है। जो कि भविष्य में एक खतरनाक बीमारी का रूप ले सकता है।
क्या कहतें है वैज्ञानिक?
इस वायरस के बारे में वैज्ञानिको को कहना है कि इस वायरस को इंसानों की सेल्स को संक्रमण के लिए सिर्फ एक म्यूटेशन की जरूरत है। अभी तक यह वायरस चमगादड और पशुओं में ही देखा गया है। नये वायरस नियोकोव से कही अधिक लोगो की मौत हो सकती है। रसियन वायरोलॉजिस्ट के अनुसार यह अभी इंसानो मे फैलने में सक्षम नही है।
नये प्रारूप को लेकर कई सवाल
इस नये कोरोना वायरस NeoCov (नियोकोव) की क्षमता और जोखिम को लेकर जांच जारी हैं, उसके बाद ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रकाशित की जायेगी। यहां हम आपकों यह भी बता दे कि दुनिया के 40 देशों में ओमीक्रॉन और सब वैरियेंट BA-2 (बीए.2) फैल चुका है। डेनमार्क के शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमिक्रॉन के दो अलग अलग पीक आ सकते है।
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