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दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश भारत 26 जनवरी (26 January) पर इस वर्ष अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73th Republic Day) मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया और हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। तब से लगातार हर वर्ष 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व रूप में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन को भारत में हर स्कूल, कॉलेजो या ऑफिस में हर जगह बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं और लोग एक दूसरे को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते है।
गणतंत्र (Republic) का अर्थ :
गणतन्त्र (Republic) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। अर्थात हमें अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार देश में लोगों के ऊपर होता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और लंबा संघर्ष करके ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया है। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है उसका ही नतीजा है कि आज हम अपने देश भारत में आराम से रह रहें है। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया था। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि सभी जाति एवं वर्ग के लोग इसको एक साथ मिलकर मनाते हैं।
भारत देश के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गाँधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे भारत देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दी थी। लगातार कई वर्षों तक इन महान लोगों ने ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को उनकी गुलामी से आज़ाद कराया। भारत वासी उनके इस बलिदान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं। उन्ही के कारण आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले रहे हैं।
हमारे देश प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि, हमने एक ही संविधान और संघ में हमारे पूर्ण
महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश के सभी जाति, धर्म, समुदाय के लोगो
के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है। किन्तु यह बहुत ही सोचनीय विषय है कि है कि
सविंधान लागू होने के इतने वर्षों के बाद भी हम आज अपराध, भ्रष्टाचार और
हिंसा, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता जैसी
समस्याओं से लड़ रहे हैं।
गणतंत्र दिवस परेड 2022 : मध्य एशियाई देशों से कोई मुख्य अतिथि नहीं
भारत ने 26 जनवरी को अपने 73वें गणतंत्र दिवस समारोह में पांच मध्य एशियाई देशों (Central Asia -5) के नेतृत्व को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। लेकिन, कोविड एवं ओमीक्रोन वैरियेट के संक्रमण में वृद्धि के मद्देनजर भारत ने योजना को रद्द करने का फैसला किया है अब इस मुलाकात को वर्चुअल रूप में आयोजित किया जाएगा।
हाल ही में कोरोना की तीसरी लहर में लगातार बढतें मामलों को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल नहीं होगा। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और (Central Asia -5) का प्रतिनिधित्व करने वाले उनके समकक्षों के बीच भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक के दौरान नेताओं को निमंत्रण दिया गया था।
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