Saturday, January 22, 2022

जानिए क्यों हो रहा इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर विवाद

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अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti), India Gate, (इंडिया गेट) का ये है इतिहास, National War Memorial, इसलिये बदला जा रहा है बलिदान की लौ

हाल ही केन्द्र सरकार ने इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल में जलाने का फैसला किया है जिसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। सरकार का कहना है कि अमर जवान ज्योति को बुझाया नही जा रहा है बल्कि इसे वॉर मेमोरियल में मिला दिया जा रहा है। सरकार का कहना है कि अमर जवान ज्योति ने 1971 के शहीदों का श्रद्वाजंली तो दी लेकिन उनका वहां पर कोई नाम अंकित नही है, सरकार का कहना है कि वहां पर नाम केवल 1921 में प्रथम विश्व युद्व में एवं एंग्लों अफगान युद्व में शहीद होने वाले आंग्ल भारतीयों के नाम अंकित है ऐसे में यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीत है। जिस इंडिया गेट और उसमें जलने वाले अमर जवान ज्योति पर विवाद है आइयें उसके इतिहास के बारे में जानते है

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Amar Jwan jyoti

इंडिया गेट का ये है इतिहास

इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया, इसे ब्रिटिश सरकार ने 1914 से 1921 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था।

1914 से 1918 तक प्रथम विश्व युद्व में और 1919 में तीसरे एंग्लों अफगान युद्व में 80 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इन्हें ही श्रंद्वाजंली देने के लिये बनाया गया था।

इंडिया गेट को एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया, इसकी आधारशिला 10 फरवरी 1921 को रखी गई थी, ये 10 साल मे बनकर तैयार हुआ, 12 फरवरी 1931 को तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने इंडिया गेट का उदघाटन किया।

दिसम्बर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्व हुआ, यह युद्व 3 से 16 दिसम्बर तक चला, इस युद्व में पाकिस्तान ने 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया, हालाकि इस युद्व में भी कई भारतीय जवान शहीद हुए थे।

इसके बाद इंडिया गेट के नीचे एक काले रंग की स्मारक बनाया गया जिस पर अमर जवान लिखा गया। इस पर एल.11 सेल्फ लोडिंग राइफल भी रखी हुई है तथा इसी राइफल पर एक सैनिक हेलमेट भी लगा हुआ है।

इस स्मारक का उदघाटन 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा किया गया। तथा इसमें एक ज्योति भी जल रही है जिसे अमर जवान ज्योति कहते है।

1972 से 2006 तक इस ज्योति को जलाने के लिये एलपीजी का इस्तेमाल होता था किन्तु 2006 के बाद इसे सीएनजी गैस से जलाया जा रहा है। अब सरकार ने फैसला किया है कि यह ज्योति अब नेशनल वॉर मेमोरियल में जलायी जायेगीं

National war memorial
National War Memorial, New Delhi

आपकों बता दें नेशनल वॉर मेमोरियल इंडिया गेट से 400 मीटर दूर है जिसे मोदी सरकार ने बनाया है तथा यह 400 एकड जमीन पर बना है, इसके दीवारों पर शहीद जवानों के नाम अंकित है।

इसमें आजादी के बाद भारत ने जितनें भी लडाईयां लडी है, उनमें शहीद होने वाले तमाम जवानों के नाम भी अंकित है।

अमर जवान ज्योति को हस्तान्तिरित करने पर भूतपूर्व सैनिकों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है जिनका कहना है कि भारत एक नेशनल वॉर मेमोरियल बना है जहॉ पर सभी शहीद जवानों को एक साथ श्रद्वांजली दी जा सकती है तथा उनके नाम भी वहां अकित हो सकें। और उन्हें सच्ची श्रंद्वाजली दी जा सकें।

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