Wednesday, January 19, 2022

औषधीय गुणों से भरपूर बिच्छू घास (Nettle Leaf) की बाजार में भारी डिमांड

ad300
Advertisement
नमस्कार मित्रो, आज हम आपकों उत्तराखंड-दर्शन के इस ब्लॉग के माध्यम से बिच्छू घास (Nettle Leaf)  के बारे में जानकारी देने वाले है यदि आप जानना चाहते है कि बिच्छू घास (Nettle Leaf) के औषधीय गुणों के बारे में तो इस ब्लॉग को अन्त तक जरूर पढे। 

बिच्छू घास (Nettle leaf ) के बारे में About Nettle –

बिच्छू घास एक प्रकार का जंगली पौधा है इसे छूने से करंट जैसा अनुभव होता है यह पौधा उत्तराखंड के हिमालयी इलाको में पाया जाता है| इसका वैज्ञानिक नाम (Urtica dioica)  हैं| इस पौधे को कुमाऊ मंडल में सियूँण के नाम से जाना जाता है वही गढ़वाल में इस कंडली कहते है! इस पौधे से बिच्छू के डंक जैसा अनुभव होने के कारण ही इसे इसे बिच्छू घास के नाम से भी जाना जाता है! इस पौधे के पत्तो एव तनो पर हलके कांटे भी होते है सुई की तरह! जहाँ लोग इस पौधे को छूने से डरते है तो इस पौधे के कई औषधीय  फायदे भी है!
kandali, Nettle leaf

बिच्छु घास के औषधीय गुण (Nettle Leaf Benefits)

कंडाली में कई प्रकार के औषधीय गुण विद्यमान होते हैं। इससे पीलिया, पेट की बीमारी, गठिया, एलर्जी के साथ ही कई अन्य बीमारियों का कंडाली रामबाण इलाज है। यही कारण है कि ठंड के मौसम में कंडाली की डिमांड बढने लगती है।

बिच्छू बूटी (बिछुआ पत्ती) के फायदे (Benefits of Nettle Leaf)

1.    लिवर और दिल को रखे स्वस्थ ...
2.    प्रोस्टेट के लिए है फायदे ...
3.    बुखार, दमा और एलर्जी को करे ठीक ...
4.    महिलाओं की समस्या में है फायदेमंद ...
5.    ब्लड प्रेशर को करे ठीक ...
6.    स्किन के लिए है फायदेमंद ...
7.    सूजन और घाव को करे ठीक ...
8.    बालों के लिए है गुणकारी

बाजार में 130 रूपयें किलो बिक रही है कंडाली बिच्छू घास

पर्वतीय क्षेत्रों में घास के रूप मे पायी जाने वाली कंडाली बिच्छू घास अब धीरे धीरे रोजगार का जरिया भी बनने लगा है। बाजार में इन दिनों कंडाली की मांग लगातार बढ रही है। आयरन, विटामिन ए, व सी सहित अन्य औषधीय गुणों से भरपूर कंडाली बाजार में आते ही हाथों हाथ बिक रही है। कोरोना काल में प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये भी कंडाली बिच्छू घास का उपयोग किया जा रहा है।

पर्वतीय क्षेत्रों के कई गांवों में कंडाली बडी मात्रा में उगती है। लेकिन अब तक यह केवल पर्वतीय क्षेत्रों तक ही सीमित थी। धीरे धीरे कंडाली रोजगार के रूप में मैदानी क्षेत्रों में पहुचने लगी है। कई व्यापारी बताते है कि वह पिछले कई दिनों से गांव की कंडाली बेचने के लिये ला रहे है। सुबह 12 बजें से पहले ही उनकी कंडाली बिक जाती है। यही नही 130 रूपये किलों में बिकने वाली कंडाली के लिये कई ग्राहक एडवांस में आर्डर भी दे रहे है। स्थानीय निवासी बताते है कि पहले वह गांव में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कंडाली मंगवाते थे, लेकिन अब उन्हें कंडाली बाजार में ही उपलब्ध हो जा रही है। कंडाली खनिज व विटामिन का भंडार है। कंडाली में लौह तत्व की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर में खून की कमी पूरी करता है। कंडाली शरीर की एसीडिक प्रवृत्ति को समाप्त करता है।

Share This
Previous Post
Next Post

Pellentesque vitae lectus in mauris sollicitudin ornare sit amet eget ligula. Donec pharetra, arcu eu consectetur semper, est nulla sodales risus, vel efficitur orci justo quis tellus. Phasellus sit amet est pharetra

0 Comments:

Please do not enter any spam link in the comment box.