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उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान : अलकनंदा नदी तन्त्र
ऽ प्राचीन नाम विष्णुगंगा
ऽ उदगम - सतोपंथ ग्लेशियर ‘सतोपंथ ताल‘,
प्रमुख सहायक नदियां
सरस्वती, ऋषिगंगा, लक्ष्मणगंगा, पंश्मिची धौलीगंगा, बालखिल्य, बिरहीगंगा, पातालगंगा, गरूणगंगा, नंदाकिनी, पिण्डर, मंदाकिनी।
ऽ केशवप्रयाग - अलकनंदा और सरस्वती नदी
ऽ विष्णुप्रयाग - अलकनंदा और पंश्चिमी धौलीगंगा -धौलीगंगा का उदगम धौलागिरी श्रेणी का कुनलूग क्षेत्र से होता है
ऽ पश्चिमी धौलीगंगा की सहायक नदी - ऋषिगंगा है
ऽ गणेशचटटी - अलकनंदा और ऋषिगंगा ‘ ऋषिकुंड पर्वत से‘
ऽ गोविन्दघाट - अलकनंदा और लक्ष्मणगंगा ‘लोकपाल-हेमकुण्ड से‘
ऽ लक्ष्मणगंगा की सहायक नदी - पुष्पावती और प्रियदर्शनी का उदगम पुष्पोतया ताल से है
ऽ विरही - अलकनंदा और विरही गंगा
ऽ जोशीमठ - अलकनंदा और नृसिंह धारा
ऽ नंदप्रयाग - अलकनंदा और नंदाकिनी ‘ त्रिशूल पर्वत से‘
ऽ नंदाकिनी की सहायक नदी - रूपगंगा ‘रूपकुण्ड से निकलती है‘
ऽ कर्णप्रयाग - अलकनंदा और पिण्डर नदी ‘उदगम पिण्डारी ग्लेशियर से‘
ऽ पिण्डर की सहायक नदी आटागाड पिण्डर से सिमली में मिलती है
ऽ रूद्रप्रयाग - अलकनदा और मंदाकिनी ‘मंदाकिनी का उदगम - चौराबाडी ताल‘
ऽ मंदाकिनी की सहायक नदियां - मधुगंगा, वाशुकी, सोनगंगा,
ऽ मंदाकिनी अलकनंदा की सबसे बडी एवं दायी ओर से मिलने वाली एकमात्र नदी है।
ऽ देवप्रयाग - अलकनंदा और भागीरथी ‘ बहू और सास‘ भी कहा जाता है।
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